1. टोक्यो पैरालंपिक 2020 (वर्ष 2021 में आयोजित) में भारतीय खिलाड़ियों ने कितने मेडल जीते?
a. 5
b. 7
c. 19
d. 27
Answer: c. 19
- भारत ने पांच गोल्ड मेडल, आठ सिल्वर और छह ब्रॉन्ज मेडल जीते।
- वर्ष 2021 में पैरालंपिक में भारतीय प्रदर्शन ने इतिहास बना दिया।
गोल्ड मेडल विजेता
1. अवनि लेखरा: शूटिंग (आर-2 10 मीटर एयर राइफल स्टैंडिंग एसएच1)
2. सुमित अंतिल : जेवलिन थ्रो (भाला फेंक) (पुरुष F64 वर्ग)
3. मनीष नरवाल : शूटिंग (P4 मिक्स्ड 50 मीटर पिस्टल SH-1 फाइनल)
4. प्रमोद भगत : बैडमिंटन ( पुरूष एकल एसएल3 वर्ग)
5. कृष्णा नागर : बैडमिंटन (पुरुष सिंगल्स एसएच6 फाइनल में)
सिल्वर मेडल विजेता
1. भाविना पटेल: टेबल टेनिस (क्लास-4वर्ग)
2. निषाद कुमार : हाई जंप (टी-47 वर्ग)
3. देवेंद्र झाझड़िया : जेवलिन थ्रो (भाला फेंक) (F46)
4. योगेश कथुनिया : डिस्कस थ्रो (चक्का फेंक) (F56)
5. मरियप्पन थंगावेलु : हाई जंप (टी-63वर्ग)
6. प्रवीण कुमार : हाई जंप (टी64 वर्ग)
7. सिंहराज अढ़ाना : शूटिंग (50 मीटर पिस्टल मुक़ाबला)
8. सुहास एल यथिराज : बैडमिंटन (एकल एसएल4 सेमीफ़ाइनल), जो वर्तमान में नोएडा के डीएम है।
ब्रॉन्ज मेडल विजेता
1. सुंदर सिंह गुर्जर : भाला फेंक (F-46 वर्ग)
2. सिंहराज अढ़ाना : शूटिंग (पुरुषों के 10 मीटर एयर पिस्टल SH1 स्पर्धा में)
3. शरद कुमार : हाई जंप (पुरुष टी-63वर्ग)
4. अवनि लेखरा : शूटिंग (महिला 50 मीटर राइफल 3 पोजीशन एसएच1)
5. हरविंदर सिंह : तीरंदाजी( Archery)
6. मनोज सरकार : बैडमिंटन (पुरुष एकल एसएल3 वर्ग)
- अवनि लेखरा (ब्रॉन्ज और गोल्ड), सिंहराज अढ़ाना (ब्रॉन्ज और सिल्वर) दो ऐसे खिलाड़ी हैं, जिन्होंने अपने-अपने नाम दो मेडल किए।
टोक्यो पैरालंपिक 2020 के बारे में
- टोक्यो पैरालंपिक 2020 का आयोजन वर्ष 2021 में हुआ है, जो 24 अगस्त से 5 सितंबर 2021 तक चला।
- यह ग्रीष्मकालीन पैरालंपिक का 16वां संस्करण था।
- इससे पहले 15वां ग्रीष्मकालीन पैरालंपिक का आयोजन रियो डी जनेरियो (ब्राजील) में 2016 में हुआ था।
- अगला पैरालंपिक गेम्स पेरिस 2024 में पेरिस (फ्रांस) में होगा।
पैरालंपिक में भारत की हिस्सेदारी
- वैसे तो पैरालंपिक गेम्स की शुरुआत 1960 में हो चुकी थी।
- लेकिन भारत ने पहली बार 1968 में इसमें हिस्सा लिया था।
- भारत अब तक 11 पैरालंपिक खेलों में हिस्सा ले चुका है।
पैरालंपिक में अबतक जीते मेडेल
- छह पैरालंपिक गेम्स में मेडेल जीते हैं।
- भारत ने पहली बार 1972 में मेडेल जीता, वह भी गोल्ड।
- दूसरी बार 1984 में दो सिल्वर और दो ब्रॉन्ज मेडेल।
- तीसरा बार 2004 में एक गोल्ड और एक ब्रॉन्ज मेडेल।
- चौथी बार 2012 में एक सिल्वर मेडेल।
- पांचवी बार 2016 में दो गोल्ड, एक सिल्वर और एक ब्रॉन्ज मेडेल।
- छठी बार 2020 (2021 में आयोजित) में पांच गोल्ड सहित कुल 19 मेडेल जीते।
- भारत ने पांच गोल्ड मेडल, आठ सिल्वर और छह ब्रॉन्ज मेडल जीते।
टोक्यो पैरालंपिक और टोक्यो ओलंपिक दोनों के बीच अंतर
- पैरालंपिक खेल में disable (दिव्यांग) खिलाड़ी खेलते है और टोक्यो ओलंपिक खेल में सामान्य खिलाड़ी खेलते है।
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2. टोक्यो पैरालंपिक 2020 (वर्ष 2021 में आयोजित) में भारत की रैंकिंग बताएं?
a. 6
b. 10
c. 16
d. 24
Answer: d. 24
- पदक तालिका में भारत 24वें स्थान पर रहा।
- पहले स्थान पर चीन रहा। उसके खिलाडि़यों ने 96 गोल्ड, 60 सिल्वर और 51 ब्रॉन्ज मेडेल जीते। कुल 207 मेडेल।
- दूसरे स्थान पर ब्रिटेन रहा। उसने 41 गोल्ड, 38 सिल्वर और 45 ब्रॉन्ज मेडेल जीते। कुल 124 मेडेल।
- तीसरे स्थान पर यूएसए रहा। उसके खिलाडि़यों ने 37 गोल्ड, 36 सिल्वर और 31 ब्रॉन्ज मेडेल जीते। कुल 104 मेडेल।
- चौथे स्थान पर रशियन पैरालंपिक कमेटी रही। इसने 36 गोल्ड, 33 सिल्वर और 49 ब्रॉन्ज मेडेल जीते। टोटल 118 मेडेल।
- पांचवे स्थान पर नीदरलैंड रहा, उसने 25 गोल्ड, 17 सिल्वर और 17 ब्रॉन्ज मेडेल जीते। कुल 59 मेडेल।
भारत का स्थान
- भारत ने 24वां स्थान पाया। भारतीय खिलाडि़यों ने पांच गोल्ड, आठ सिल्वर और छह ब्रॉन्ज मेडेल जीते। कुल 19 मेडेल।
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3. टोक्यो पैरालंपिक 2020 (वर्ष 2021 में आयोजित) में पहला गोल्ड मेडेल जीतने वाली खिलाड़ी कौन हैं?
a. अवनि लेखरा
b. दीपा मलिक
c. भाविनाबेन पटेल
d. सीआर माधव
Answer: a. अवनि लेखरा
- उन्होंने निशानेबाजी में भारत के लिए टोक्यो पैरालंपिक में पहला गोल्ड जीता।
- उन्होंने महिलाओं के 10 मीटर एयर राइफल के क्लास एसएच1 के फाइनल में 249 पॉइंट स्कोर कर गोल्ड मेडल अपने नाम किया।
- बाद में उन्होंने शूटिंग की ही एक अन्य कैटेगरी में ब्रॉन्ज मेडेल भी जीता।
अवनि लेखरा के बारे में
- वह जयपुर की रहने वाली हैं।
- अवनि बचपन से ही दिव्यांग नहीं थी। वर्ष 2012 में दुर्घटना में रीढ़ की हड्डी में चोट लग गई।
- इसके बाद फिर वह खड़े होने और चलने में असमर्थ हो गई।
- तब से वह व्हीलचेयर पर ही हैं।
- एक्सिडेंट के बाद अवनि कुछ दिन डिप्रेशन में रही और अपने आप को कुछ दिनों तक कमरे बंद कर लिया।
- माता-पिता के प्रयासों के बाद अवनि में आत्म विश्वास लौटा और अभिनव बिन्द्रा की बायोग्राफी से प्रेरणा लेकर वह निशानबाजी करने लगी।
- अपनी लेखरा ने पैरा वर्ल्डकप शूटिंग 2019 और 2021 में में सिल्वर जीता था।
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4. एक पैरालंपिक गेम्स में दो मेडेल जीतने वाली पहली खिलाड़ी कौन हैं?
Answer: a. अवनि लेखरा
- उन्होंने 10 मीटर एयर रायफल में गोल्ड मेडेल और 50 मीटर एयर रायफल में ब्रॉन्ज मेडेल जीते।
- वह एक ओलंपिक या पैरालंपिक में दो मेडल जीतने वाली पहली खिलाड़ी हैं।
- एक और खिलाड़ी सिंहराज अधाना ने शूटिंग में ही सिल्वर और ब्रॉन्ज मेडेल जीते हैं। वह एक ही पैरालंपिक गेम्स में दो मेडेल जीतने वाले दूसरे खिलाड़ी हैं।
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5. टोक्यो पैरालंपिक में सुमित अंतिल ने किस खेल ईवेंट में गोल्ड मेडेल जीता?
a. बैडमिंटन
b. मुक्केबाजी
c. जेवलिन थ्रो
d. टेबल टेनिस
Answer: c. जेवलिन थ्रो (भाला फेंक)
- उन्होंने F64 कैटेगरी में 68.55 मीटर के बेस्ट थ्रो के साथ मेडल जीता।
- सुमित ने पैरालंपिक में अपने ही वर्ल्ड रिकॉर्ड को तीन बार तोड़ा।
- उन्होंने पहले प्रयास में 66.95 मीटर का थ्रो किया, जो वर्ल्ड रिकॉर्ड बना।
- इसके बाद दूसरे थ्रो में उन्होंने 68.08 मीटर दूर भाला फेंका।
- सुमित ने अपने प्रदर्शन में और सुधार किया और 5वें प्रयास में 68.55 मीटर का थ्रो किया, जो कि नया वर्ल्ड रिकॉर्ड बन गया।
सुमित के बारे में
- वह हरियाणा के सोनीपत जिले के गांव खेवड़ा के निवासी हैं।
- सुमित जब उनके पिता रामकुमार (एयरफोर्स में कार्यरत) की बीमारी के चलते मौत हो गई थी।
- उनकी मां निर्मला ने मुश्किल हालातों से जूझते हुए सुमित सहित चारों बच्चों का पालन-पोषण किया।
कैसे अपना एक पैर खोया
- 12वीं क्लास में कॉमर्स की ट्यूशन से लौटते समय 5 जनवरी 2015 को एक ट्रैक्टर-ट्रॉली ने सुमित की बाइक को टक्कर मार दी।
- हादसे में सुमित ने अपना एक पैर गंवा दिया।
- 2016 में पुणे में उन्हें नकली पैर लगाया गया।
- धीरे-धीरे सुमित ने खेलों में रूचि लेना शुरू कर दिया।
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6. टोक्यो पैरालंपिक में मनीष नरवाल ने किस खेल में गोल्ड मेडेल जीता?
a. बैडमिंटन
b. मुक्केबाजी
c. जेवलिन थ्रो
d. शूटिंग
Answer: d. शूटिंग
- उन्होंने भारत को तीसरा गोल्ड दिलाया।
- वह 19 वर्षीय के हैं और मिक्सड 50 मीटर SH1 कैटेगरी में यह मेडेल जीता।
- मनीष नरवाल के दाहिना हाथ में दिक्कत है।
- वह फरीदाबाद के अग्रवाल कॉलेज के बीए प्रथम वर्ष के छात्र हैं।
- दिव्यांगता के बावजूद उन्होंने पिता के सहयोग से शूटर बनने का अपना सपना पूरा किया और शूटिंग में ही करियर बनाया।
- नरवाल को 2020 में अर्जुन पुरस्कार मिल चुका है
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7. टोक्यो पैरालंपिक में प्रमोद भगत ने किस खेल में गोल्ड मेडेल जीता?
Answer: a. बैडमिंटन
- प्रमोद भगत SL3 कैटेगरी में में चौथा गोल्ड जीता।
- वह बिहार के हाजीपुर के रहने वाले हैं, लेकिन 5 साल की उम्र में पैर में पोलियो के कारण उनकी बुआ बेहतर इलाज के लिए ओडिशा लेकर चली गई थीं।
- वहीं पर उन्होंने अपनी कमजोरी को ताकत बनाया और बैडमिंटन खेलना शुरू किया।
- मालती देवी और रामा भगत के 28 वर्षीय पुत्र प्रमोद भगत फिलहाल भुवनेश्वर में स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत हैं।
- प्रमोद के बड़े भाई गांव में बिजली मिस्त्री का काम करते हैं।
- छोटे भाई शेखर भुवनेश्वर में इलेक्ट्रिकल पार्ट्स की दुकान चलाते हैं।
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8. टोक्यो पैरालंपिक में कृष्णा नागर ने किस खेल में गोल्ड मेडेल जीता?
Answer: a. बैडमिंटन
- कृष्णा नागर ने भारत को 5वां गोल्ड दिलाया।
- उन्होंने यह मेडल SH-6 कैटेगरी में जीता। SH-6 कैटेगरी में वैसे खिलाड़ी हिस्सा लेते हैं, जिनकी लंबाई नहीं बढ़ती।
- इसके बाद कृष्णा की उम्र तो बढ़ रही थी, लेकिन लंबाई नहीं बढ़ रही थी।
- कृष्णा की हाइट 4 फीट 2 इंच पर ही थम गई।
- लंबाई कम होने की वजह से लोग कृष्णा को ताने देने लगे थे। बौना कहते थे। कृष्णा ने घर से बाहर निकलना भी बंद कर दिया था, लेकिन परिवार के सदस्यों ने उन्हें कभी कमतर (lesser) महसूस नहीं होने दिया। लगातार खेलने के लिए मोटिवेट करते रहे।
- कृष्णा के पिता सुनील नागर ने बताया कि कुछ सालों पहले तक कृष्णा क्रिकेटर बनना चाहते थे। लंबाई कम होने की वजह से बैटिंग के दौरान हर बॉल बाउंस होकर कृष्णा के सिर के ऊपर से निकल जाती थी।
- इसके बाद कृष्णा ने क्रिकेट छोड़ वॉलीबॉल खेलना शुरू किया।
- फिर पिता ने बैडमिंटन खेलने की सलाह दी और कृष्णा को सवाई मानसिंह स्टेडियम लेकर गए। जहां साल 2017 से उन्होंने बैडमिंटन खेलना स्टार्ट किया।
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9. टोक्यो पैरालंपिक 2020 (वर्ष 2021 में आयोजित) में टेबल टेनिस में किस खिलाड़ी ने सिल्वर मेडेल जीता?
a. आयशा खान
b. भाविना बेन पटेल
c. विनोद कुमार
d. निषाद कुमार
Answer: b. भाविना बेन पटेल
- उन्होंने टेबल टेनिस के विमेंस सिंगल्स में क्लास-4 कैटेगरी में मेडल दिलाया है।
- उन्होंने टोक्यो पैरालंपिक में देश के लिए पहला मेडल जीता।
- वह टेबल टेनिस में मेडल जीतने वाली भी देश की पहली पैरा खिलाड़ी हैं।
- भाविना ने यह जीत व्हील चेयर पर बैठकर पाई।
भाविना बेन पटेल के बारे में
- भाविना, गुजरात के मेहसाणा जिले की रहने वाली हैं।
- वह जब एक साल की उम्र की थीं, तो चलने की कोशिश में गिर गईं, उस समय उनके एक पैर में पोलियो की वजह से लकवा हो गया।
- बाद में उनका दूसरा पैर भी लकवे से बेकार हो गया।
- उनके पिता हंसमुख भाई पटेल गांव में ही छोटी सी दुकान चलाते हैं।
- भाविना बेन, तीन भाई-बहनों में सबसे छोटी हैं।
- वह कर्मचारी बीमा निगम में नौकरी करती हैं।
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10. टोक्यो पैरालंपिक में निषाद कुमार ने किस खेल में सिल्वर मेडेल जीता?
a. टेनिस
b. हॉकी
c. दौड़
d. हाई जंप
Answer: d. हाई जंप
- मेंस T47 हाई जंप में निषाद कुमार ने 2.06 मीटर की जंप लगाई।
- पैरालंपिक स्पोर्ट्स की T47 कैटेगरी में ऐसे एथलीट हिस्सा लेते हैं जिनका कोई एक हाथ कोहनी से नीचे कटा हुआ होता है।
- इसके साथ ही निषाद कुमार ने एशियन रिकॉर्ड बनाया।
निषाद कुमार के बारे में
- वह हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले के रहने वाले हैं।
- निषाद के पिता मजदूर हैं और दूसरों के खेतों में काम करके घर चलाते हैं।
- वर्ष 2007 में जब वह चौथी क्लास में थे, तो घास काटने वाली मशीन से दाहिना हाथ कट गया था।
- उन्होंने दैनिक भास्कर को दिए इंटरव्यू में कहा है कि जब मेरा हाथ कट गया, तो उसके बाद लड़के मुझे चिढ़ाते थे। तब मुझे काफी बुरा लगता था। मेरे माता-पिता मुझे समझाते थे कि इसे अपनी कमजोरी मत बनने दो।
- घर की माली हालत भी काफी खराब थी, ऐसे में ट्रेनिंग के लिए मेरे पास अच्छे जूते और जेवलिन तक नहीं था। मेरे पास किट भी नहीं होता था। कई बार हमें बड़ी मुश्किल से भरपेट खाना मिल पाता था।
- उन्होंने कहा कि 2018 में मुझे कॉलेज में आने के बाद पैरा गेम्स के बारे में पता चला।
- तब इस खेल की ओर रुझान बढ़ा।
- निषाद ने यह मेडल अपने मजदूर माता-पिता को समर्पित किया है।
- निषाद कहते हैं कि उनके माता-पिता ने दूसरों के खेतों में काम करके यहां तक पहुंचाया है।
निषाद कुमार के एचीवमेंट्स
- वर्ष 2021 में दुबई में पैरा एथलेटिक्स ग्रैंड प्रिक्स में टी-47 कैटेगरी के हाई जंप में गोल्ड।
- वर्ष 2019 में दुबई पैरा एथलेटिक्स वर्ल्ड चैंपियनशिप में टी-47 कैटेगरी के हाईजंप में ब्रॉन्ज।
- वर्ष 2019 में दुबई में पैरा एथलेटिक्स ग्रैंड प्रिक्स में टी-47 कैटेगरी के हाईजंप में गोल्ड।
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11. अब तक के पैरालंपिक गेम्स में तीन मेडल जीतने वाले देश के पहले खिलाड़ी कौन बने?
a. सुमित आंतिल
b. देवेंद्र झाझड़िया
c. भाविनाबेन पटेल
d. निषाद कुमार
Answer: b. देवेंद्र झाझड़िया
- उन्होंने टोक्यो पैरालंपिक के जेवलिन थ्रो के F64 कैटेगरी कैटेगरी में सिल्वर मेडेल जीतते हुए यह शानदार उपलब्धि हासिल की।
- देवेंद्र इससे पहले देवेंद्र साल 2004 एथेंस ओलंपिक में गोल्ड और 2016 रियो ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीत चुके हैं।
करंट लगने से काटना पड़ा था हाथ
- देवेंद्र राजस्थान के रहने वाले हैं।
- देवेंद्र झाझड़िया जब 8 साल के थे। तब गांव में पेड़ पर चढ़ते समय हाई टेंशन लाइन की चपेट में आ गए थे।
- इससे बाएं हाथ में दिक्कत हो गई। हाथ कोहनी से काटना पड़ा था।
- देवेंद्र ने घर से बाहर निकलना बंद कर दिया, लेकिन मां जीवनी देवी ने उन्हें मोटिवेट किया।
- देवेंद्र ने धीरे-धीरे पढ़ाई के साथ जेवलिन थ्रो खेलना शुरू किया, और अब तीन ओलंपिक मेडल जीतने वाले पहले खिलाड़ी बन चुके हैं।
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12. टोक्यो पैरालंपिक में योगेश कथुनिया ने किस खेल ईवेंट में सिल्वर मेडेल जीता?
a. डिस्कस थ्रो
b. जेवलिन थ्रो
c. हॉकी
d. बैडमिंटन
Answer: a. डिस्कस थ्रो
- उन्होंने डिस्कस थ्रो के F56 कैटेगरी में यह मेडेल जीता।
- छठे और अंतिम राउंड में योगेश ने 44.38 मीटर की दूरी तक चक्का फेंक और सिल्वर मेडल अपने नाम कर लिया।
- वह हरियाणा के बहादुरगढ़ के रहने वाले हैं।
- नौ साल की उम्र में उन्हें पैरालिसिस हो गया था।
- 2017 में कॉलेज में एंट्री के साथ दोस्तों ने उसका हौंसला बढ़ाया और पैरा स्पोर्ट्स को लेकर जागरूक किया।
- उसके बाद वह खेलों में हिस्सा लेने लगे और डिस्कस थ्रो को अपनी लाइफ का हिस्सा बनाने के बाद एक बाद एक के बाद कई मुकाम हासिल किए।
अन्य उलब्धियां -
- 2018 में बर्लिन में पैरा-एथलेटिक्स में गोल्ड। 'डिस्कस एफ 36' कैटेगरी में में वर्ल्ड रिकॉर्ड तोड़ा
- 2017 में 45.18 मीटर का थ्रो करके चीन के कुकिंग के 42.96 मीटर का वर्ल्ड रिकॉर्ड तोड़ा
- विश्व पैरा एथलेटिक्स डिस्कस थ्रो एफ-56 कैटेगरी में 42.05 मीटर का थ्रो करके सिल्वर जीता।
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13. टोक्यो पैरालंपिक में मरियप्पन थंगावेलु ने किस खेल ईवेंट में सिल्वर मेडेल जीता?
a. डिस्कस थ्रो
b. हाई जंप
c. हॉकी
d. बैडमिंटन
Answer: b. हाई जंप
- स्पोर्ट क्लास टी42 श्रेणी में मरियप्पन थंगावेलु ने भी भारत को सिल्वर दिलाया।
- मरियप्पन ने 1.86 मी. ऊंची छलांग लगाई।
- इससे पहले उन्होंने 2016 के रियो पैरालंपिक में गोल्ड जीता था।
मरियप्पन थंगावेलु के बारे में
- वह तमिलनाडु की रहने वाली हैं।
- पांच साल की उम्र में बस के नीचे कुचले जाने के बाद दाहिना पैर खराब हो गया था।
- उनके पिता ने परिवार को छोड़ दिया, जिसके बाद मां ने उन्हें अकेले पाला।
- उनकी मां मजदूरी करती थी और बाद में सब्जी बेचने लगी।
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14. टोक्यो पैरालंपिक में प्रवीण कुमार ने किस खेल ईवेंट में सिल्वर मेडेल जीता?
Answer: b. हाई जंप
- उन्होंने पुरुषों की हाई जंप टी64 कैटेगरी में रजत पदक जीता।
- प्रवीण 2.07 मीटर की छलांग के साथ ग्रेट ब्रिटेन के जोनाथन ब्रूम-एडवर्डस के बाद दूसरे स्थान पर रहे।
- सामान्य व्यक्ति की तुलना में प्रवीण का एक पैर छोटा है, लेकिन उन्होंने अपनी इसी कमजोरी को ताकत बनाया और अलग-अलग प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेते हुए पैरालंपिक के मंच तक पहुंचे।
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15. टोक्यो पैरालंपिक में सिंहराज अधाना ने किस खेल ईवेंट में सिल्वर और ब्रॉन्ज (दोनों) मेडेल जीते?
a. बैडमिंटन
b. मुक्केबाजी
c. जेवलिन थ्रो
d. शूटिंग
Answer: d. शूटिंग
- सिल्वर मेडेल : 50 मीटर पिस्टल शूटिंग के SH1 कैटेगरी में 207.3 स्कोर बनाकर सिल्वर मेडल जीता।
- ब्रॉन्ज मेडेल : 10 मीटर एयर पिस्टल SH1 कैटेगरी में भारत ब्रॉन्ज दिलाया।
सिंहराज अधाना के बारे में
- वह हरियाणा के रहने वाले हैं।
- उन्हें बचपन में पोलियो हो गया था।
- एक साधारण किसान प्रेम सिंह के परिवार में जन्मे सिंहराज अधाना ने अपने प्रदर्शन से साबित कर दिया कि यदि हौसला बुलंद हो तो शारीरिक सीमाएं बाधा नहीं बन सकतीं।
- परिवार की आर्थिक जरूरतों को पूरा करने के लिए सिंहराज को जबरदस्त संघर्ष करना पड़ा।
- खेल की तैयारी के लिए उनकी पत्नी ने पति के सपने पूरे करने के लिए अपने गहने तक बेच दिए थे।
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16. पहला IAS अधिकारी, जिसने पैरालंपिक गेम्स में मेडेल जीता?
a. आलोक सिन्हा
b. विवेक तन्खा
c. सुहास राजन
d. सुहास एल यथिराज
Answer: d. सुहास एल यथिराज (Suhas LY)
- उन्होंने बैडमिंटन में सिल्वर मेडेल जीता।
- वह गौतमबुद्ध नगर (नोएड) के डीएम हैं।
- वह फाइनल में फ्रांस के खिलाड़ी लुकास मजूर से हार गए।
- भले ही सुहास को फाइनल में हार का सामना करना पड़ा हो, लेकिन उन्होंने रोमांचक मैच खेला और इतिहास रच दिया।
- उन्होंने सिल्वर मेडेल जीता। ऐसे करने वाले वह देश के पहले डीएम और आईएएस अधिकारी हैं।
सुहास यथिराज के बारे में
- उनका जन्म कर्नाटक के शिमोगा में हुआ था।
- जन्म से ही दिव्यांग (पैर में दिक्कत) थे।
- उन्होंने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी से कम्प्यूटर साइंस में इंजीनियरिंग की।
- उन्होंने UPSC की तैयारी शुरू की।
- UPSC की परीक्षा पास करने के बाद उनकी पोस्टिंग आगरा में हुई। फिर जौनपुर, सोनभद्र, आजमगढ़, हाथरस, महाराजगंज, प्रयागराज और गौतमबुद्धनगर के जिलाधिकारी बने।
- 2007 बैच के आईएएस अधिकारी सुहास इस समय गौतम बुद्ध नगर के जिलाधिकारी हैं।
बैडमिंटन खिलाड़ी कैसे बने?
- वह बचपन से ही बैडमिंटन खेलते थे. लेकिन ये एक हॉबी जैसा ही था। वह प्रोफेशनल रूप में बैडमिंटन नहीं खेल रहे थे।
- आजमगढ़ में डीएम रहते सुहास का बैडमिंटन प्रेम शुरू हुआ।
- आजमगढ़ में वे एक बैडमिंटन टूर्नामेंट में उद्घाटन करने गए थे।
- उन्होंने आयोजनकर्ताओं से अपील की कि क्या वे इस टूर्नामेंट में हिस्सा ले सकते हैं।
- आयोजनकर्ताओं ने उन्हें तुरंत इजाजत दे दी।
- इस टूर्नामेंट में DM सुहास के अंदर छिपा खिलाड़ी निखरकर सामने आया।
- इस मैच में उन्होंने राज्य स्तर के कई खिलाड़ियों को मात दी और उनकी खूब चर्चा हुई।
- तभी देश की पैरा-बैडमिंटन टीम के वर्तमान कोच गौरव गौरव खन्ना ने उन्हें देखा और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलने के लिए प्रेरित किया।
- 2016 में चीन में आयोजित एशियन चैंपियनशिप में पुरुषों के एकल स्पर्धा में उन्होंने स्वर्ण पदक जीता था।
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17. टोक्यो पैरालंपिक में सुंदर सिंह गुर्जर ने किस खेल ईवेंट में ब्रॉन्ज मेडेल जीता?
Answer: c. जेवलिन थ्रो (भाला फेंक)
- उन्होंने जेवलिन थ्रो F46 कैटेगरी में 64.01 मीटर जेवलिन थ्रो कर ब्रॉन्ज मेडल जीता।
- वह राजस्थान के करौली जिले के रहने वाले हैं।
- सुंदर के पिता कल्याण गुर्जर खेती-बाड़ी और भैंस चराते हैं।
- मां कलियां घर एवं खेती का काम संभालती हैं।
-सुंदर गुर्जर का यह सफर आसान नहीं रहा है। एक समय ऐसा आया था जब सुंदर का भविष्य अधर में लटक गया था।
- सुंदर पूरी तरफ फिट थे और 2015 तक सामान्य वर्ग में भाला फेंक प्रतियोगिता में हिस्सा लेते थे।
- 2016 में एक दुर्घटना सुंदर के करियर का टर्निंग पॉइंट रहा।
- एक दिन वे अपने दोस्त के घर गए, जहां आंधी में घर के आगे लगी टीन शेड उड़कर सुंदर के ऊपर आ गिरी।
- इस हादसे में उनका बायां हाथ कट गया।
- हालांकि, सुंदर ने हार नहीं मानी और एक हाथ को ही अपनी मजबूती बनाई।
- अपनी मेहनत से वे पैरालंपिक गेम्स के लिए क्वालिफाई कर गए। अब मेडल जीतकर उन्होंने अपने सपनों को पूरा किया।
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18. टोक्यो पैरालंपिक में शरद कुमार ने किस खेल ईवेंट में ब्रॉन्ज मेडेल जीता?
a. बैडमिंटन
b. मुक्केबाजी
c. हाईजम्प
d. टेबल टेनिस
Answer: c. हाईजम्प
- शरद कुमार बिहार के मुजफ्फरपुर के रहने वाले हैं।
- वह दो साल की उम्र में पोलियो ग्रस्त हो गये थे।
- शरद के पिता सुरेंद्र कुमार कहते हैं- "बचपन में शरद को चलता देख बच्चे उसे चिढ़ाते थे। हमसे कहते थे आपका बेटा लंगड़ा हो गया। यह सुनकर शरद और हमें खराब लगता था। हम लोग उसे हौसला देते थे। कहते थे मेहनत करो। सफलता जरूर मिलेगी। ऊपर वाले पर भरोसा रखो।'
- शरद कुमार ने टोक्यो पैरालंपिक में मेडेल जीतने के बाद बताया कि एक रात पहले ही उनका घुटना डिसलोकेट हो गया था। वे ठीक से चल भी नहीं पा रहे थे। इसके बावजूद उन्होंने असहनीय दर्द झेलते हुए मेडल जीतने में कामयाबी हासिल की।
- इससे पहले साल-2018 में एशियन पैरा एथलीट में 1.9 मीटर हाईजम्प करके गोल्ड मेडल जीता था।
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19. अब तक हुए पैरालंपिक में निशानेबाजी (आर्चरी) में मेडेल जीतने वाले पहले खिलाड़ी का नाम बताएं?
a. हरविंदर सिंह
b. मनोज सरकार
c. सिंहराज अधाना
d. अवनी लेखरा
Answer: a. हरविंदर सिंह
- हरविंद्र सिंह ने टोक्यो पैरालंपिक में आर्चरी खेल में भारत को ब्रॉन्ज मेडल दिलाया।
- हरविंद्र पहले ऐसे खिलाड़ी है, जिसने पैरालंपिक में आर्चरी में मेडल जीता है।
- हरविंदर ने 2012 में ओलंपिक को टीवी में देखा। उन्होंने तीरंदाजी में आने का फैसला लिया।
- लॉकडाउन के चलते स्पोर्ट्स एक्टिविटी पूरी तरह बंद थी। उस समय खिलाड़ी घर में ही प्रैक्टिस कर रहे थे। तब हरविंदर ने खेत में आर्चरी रेंज बनाकर प्रैक्टिस शुरू कर दी थी।
- बताया जाता है कि मध्यम वर्ग किसान परिवार के सिंह जब डेढ़ साल के थे तो उन्हें डेंगू हो गया था। स्थानीय डॉक्टर ने एक इंजेक्शन लगाया जिसका प्रतिकूल असर पड़ा। तब से उनके पैरों ने ठीक से काम करना बंद कर दिया।
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20. टोक्यो पैरालंपिक में मनोज सरकार ने किस खेल ईवेंट में ब्रॉन्ज मेडेल जीता?
Answer: a. बैडमिंटन
- SL3 कैटेगरी में मनोज सरकार ने भारत के लिए ब्रॉन्ज मेडल जीता।
- वह उत्तराखंड के रहने वाले हैं।
- जीवन बहुत ही कठिनाई और बेहद गरीबी में बीता।
- मनोज की मां जमुना सरकार ने कहा है कि, मनोज जब डेढ़ साल का था, तो उसे तेज बुखार आया था।
- उस समय आर्थिक दशा सही नहीं होने के चलते मनोज का झोलाछाप इलाज कराया गया।
- इस इलाज का उन पर बुरा असर पड़ा और दवा खाने के बाद उनके पैर में कमजोरी आ गई।
- गरीबी इतनी थी कि स्कूल की छुट्टी के दिन उसने पिता के साथ घरों में पुताई का काम भी किया।
- लोगों को बैडमिंटन खेलता देख मनोज ने भी परिवार से रैकेट खरीदने जिद की, लेकिन रैकेट खरीदने के लिए परिवार के पास पैसे नहीं थे।
- मां ने बताया कि, उन्होंने खेतों में काम कर पैसे जुटाए और बेटे के लिए बैडमिंटन रैकेट खरीदा।
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21. टोक्यो पैरालंपिक के समापन समारोह में ध्वजवाहक का जिम्मा किस खिलाड़ी को सौंपा गया?
a. दीपा मलिक
b. अवनि लेखरा
c. हरविंदर सिंह
d. मनोज सरकार
Answer: b. अवनि लेखरा
- ऐसा पहली बार था जब किसी महिला खिलाड़ी को पैरालंपिक गेम्स में भारतीय ध्वजवाहक की भूमिका निभाई।
- 19 साल की इस शूटर ने टोक्यो में एक गोल्ड सहित दो मेडल जीते।
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22. टोक्यो पैरालंपिक के उद्घाटन समारोह में ध्वजवाहक की भूमिका किस खिलाड़ी ने निभाई?
a. टेकचंद
b. अवनि लेखरा
c. हरविंदर सिंह
d. मनोज सरकार
Answer: a. टेकचंद
- वह शॉटपुटर (भारी गेंद फेंकना) खिलाड़ी हैं।
- उन्होंने हाईजंपर मरियप्पन थांगवेलु की जगह ली थी। मरियप्पन हवाई यात्रा के दौरान कोरोना संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए थे।
- इसके बाद वह क्वारैंटाइन में चले गए थे और उनकी जगह पर टेकचंद को ध्वजवाहक बनाया गया था।
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23. Paralympic Committee of India की प्रेसिडेंट कौन हैं?
a. अवनि लेखरा
b. स्वरा भास्कर
c. दीपा मलिक
d. दीपिका मंडल
Answer: c. दीपा मलिक
- वह पैरालंपिक गेम्स में मेडेल जीतने वाली पहली महिला खिलाड़ी हैं।
- 2016 में रियो पैरालंपिक में शॉटपुट ईवेंट में सिल्वर मेडेल भी जीत चुकी हैं।
- उनके नेतृत्व में टोक्यो पैरालंपिक में भारत ने शानदार प्रदर्शन किया।
- उन्हें 2012 में अर्जुन अवॉर्ड मिल चुका है। 2017 में पद्मश्री अवॉर्ड मिल चुका है।
- उनका जन्म 30 सितंबर 1970 को हुआ था।
- तीस साल की उम्र में तीन ट्यूमर सर्जरी हुई और शरीर का निचला हिस्सा सुन्न हो गया।
- इसके बाद उन्होंने अपना पैरालंपिक गेम्स का कॅरियर शुरू किया।
- दीपा मलिक शानदार ड्राइविंग करती हैं और हिमालयन मोटरस्पोर्ट्स एसोसिएशन से जुड़ी हैं।
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24. पैरालंपिक गेम्स की शुरुआत कब हुई?
a. 1960 (रोम)
b. 1964 (टोक्यो)
c. 1968 (तेल अवीव)
d. 1972 (हाइडेलबर्ग)
Answer: a. 1960 (रोम)
- इसमें करीब 23 देशों के 400 खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया था।
भारत ने कब हिस्सा लिया
- भारतीय खिलाड़ियों ने 1968 मैक्सिको पैरालंपिक से एंट्री ली।
कैसे शुरु हुआ पैरालंपिक गेम्स
- द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान एक बड़ी संख्या में सैनिक दिव्यांग हो गए।
- ऐसे में चैलेंज था कि ऐसा क्या किया जाए कि उनका जीवन पटरी पर लौट सके।
- बाद में यह समझ बनी कि, सैनिकों के रिहेबिलेशन में खेल मददगार हो सकते हैं और इस तरह मनोरंजन के लिए खेले जाने वाले ये खेल प्रतिस्पर्धी खेल में विकसित हो गए।
- शुरुआत में इसे अंतरराष्ट्रीय व्हीलचेयर गेम्स के नाम से जाना जाता था।
- आगे समय के साथ इसमें परिवर्तन होते गए. अंतत: यह पैरालंपिक खेल की शक्ल में दिव्यांग खिलाड़ियों के लिए एक बड़ा स्पोर्ट्स इवेंट बन गया।
- साल 1960 में यह सबसे पहले रोम में खेला गया।
- टोक्यो पैरालंपिक 2020 (वर्ष 2021 में आयोजित) खेल के दौरान 163 देशों के लगभग 4500 खिलाड़ी 22 खेलों की 540 स्पर्धाओं में हिस्सा ले रहे हैं।
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25. पहले भारतीय का नाम बताएं, जिन्होंने 1972 पैरालंपिक गेम्स में गोल्ड मेडेल जीता था?
a. सुरेश चौहान
b. विवेक पासवान
c. कांता राम
d. मुरलीकांत पेटकर
Answer: d. मुरलीकांत पेटकर
भारत ने पहला पैरालंपिक मेडेल कब जीता?
- भारत ने पहली बार 1972 में मेडेल जीता, वह भी गोल्ड।
- पहले गोल्ड मेडेल विजेता का नाम मुरलीकांत पेटकर है। उन्होंने स्विमिंग में गोल्ड मेडेल जीता।
- भारतीयों के लिए यह इसलिए भी फक्र की बात थी, क्योंकि मुरलीकांत साल 1965 में भारत-पाक के बीच हुई जंग में रीढ़ में गोली लगी थी और कमर से नीचे का हिस्सा लक़वे का शिकार था।
- बावजूद इसके तैराकी में स्वर्ण जीतकर मुरलीकांत पेटकर ने दुनिया को यह संदेश दिया हम भारतीय भी किसी से कम नहीं हैं।